जालंधर(राहुल अग्रवाल): डीसीपी अंकुर गुप्ता ने जनहित और कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने जालंधर की सीमा के भीतर पार्किंग स्थलों पर सीसीटीवी लगाए हैं। कैमरे लगाना, बुलेट मोटर साइकिल चलाते समय साइलेंसर में तकनीकी परिवर्तन कर पटाखे आदि चलाने वाले वाहन चालकों पर प्रतिबंध, होटल/मोटल/गेस्ट हाउस एवं रैनबसेरों आदि में किसी भी व्यक्ति को पहचान पत्र के बिना ठहराने पर प्रतिबंध। कमिश्नरेट पुलिस की सीमा के भीतर किसी भी प्रकार का जुलूस निकालने, किसी भी कार्यक्रम/जुलूस में हथियार ले जाने, पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के जमा होने और नारे लगाने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं।
डीसीपी अंकुर गुप्ता ने दंड संहिता 1973 की धारा 144 के तहत पुलिस आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थान, अस्पताल, भीड़-भाड़ वाले बाजारों जैसे पार्किंग क्षेत्रों में वाहन पार्क करने का आदेश जारी किया है। निर्मित स्थानों आदि (परिसर के अंदर या बाहर) के मालिक/प्रबंधक सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए बिना वाहन पार्किंग का संचालन नहीं करेंगे।
जारी आदेश में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सीसीटीवी कैमरे इस प्रकार लगाए जाएं कि पार्किंग स्थल में प्रवेश करने/बाहर निकलने वाले वाहन, वाहन की नंबर प्लेट और वाहन चालक की रिकार्डिंग हो। व्यक्ति का चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए और इस संबंध में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की 45 दिनों की सीडी तैयार करके हर 15 दिनों में सुरक्षा शाखा कार्यालय, पुलिस आयुक्त, जालंधर को जमा की जानी चाहिए।
इसी प्रकार वाहन पार्क करने वाले वाहन मालिकों का रिकॉर्ड, यदि वाहन को एक दिन के लिए पार्क करना है, तो रजिस्टर में इसकी प्रविष्टि वाहन मालिक का नाम, मोबाइल फोन नंबर आईडी, वाहन का प्रकार, पंजीकरण संख्या, चेसिस नंबर, है। इंजन नंबर, वाहन पार्किंग की तिथि एवं वाहन निकासी की तिथि दर्ज करने के अलावा वाहन स्वामी के रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराना होगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि वाहन को एक दिन से अधिक समय तक खड़ा करना है तो वाहन स्वामी से वाहन के रजिस्ट्रेशन एवं ड्राइविंग लाइसेंस की फोटोकॉपी लेकर रजिस्टर में उसकी प्रविष्टि तदनुसार की जाए। एक अभिलिखित। इसके अलावा पार्किंग स्थलों पर काम करने वाले व्यक्तियों का पुलिस सत्यापन संबंधित थाने से कराया जाए।
एक अन्य आदेश में, कमिश्नरेट पुलिस परिसर के भीतर वाहन में किसी भी प्रकार के हथियार जैसे बेसबॉल, तेज हथियार, धारदार हथियार या किसी भी घातक हथियार को ले जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी प्रकार, कमिश्नरेट पुलिस की सीमा के भीतर किसी भी प्रकार का जुलूस निकालने, किसी भी कार्यक्रम/जुलूस में हथियार ले जाने, पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने और नारे लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसी प्रकार, डीसीपी ने पुलिस आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी मैरिज पैलेसों/होटलों के बैंक्वेट हॉल, विवाह कार्यक्रमों और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में जनता द्वारा हथियार ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है और मैरिज पैलेसों और बैंक्वेट हॉल के मालिकों को निर्देश दिया है कि वे मैरिज पैलेस/बैंक्वेट हॉल में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने की जिम्मेदारी होगी।
पुलिस उपायुक्त के एक अन्य आदेश के अनुसार, कोई भी दुकानदार/दर्जी खरीदार की उचित पहचान के बिना सैन्य/अर्धसैनिक/पुलिस निर्मित वर्दी या सिले हुए वर्दी नहीं बेचेगा। वर्दी खरीदने वाले व्यक्ति के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए गए फोटो पहचान पत्र की स्व-सत्यापित फोटोकॉपी रखेगा और रजिस्टर में क्रेता के पद, नाम, पता, फोन नंबर और पोस्टिंग की जगह का रिकॉर्ड बनाए रखेगा। और इस रजिस्टर को दो महीने में एक बार संबंधित हेड स्टेशन अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा और यदि आवश्यक हो तो पुलिस को रिकॉर्ड प्रदान किया जाएगा।
एक और आदेश जारी किया गया है कि मकान मालिकों के घरों और पीजी में किराएदार। मालिक निकटतम पंजाब पुलिस संपर्क केंद्र को सूचित किए बिना पीजी और सामान्य सार्वजनिक घरों के अलावा नौकरों और अन्य श्रमिकों को नहीं रखेंगे।
इसी प्रकार, पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में पटाखों के निर्माताओं/डीलरों को आदेश जारी किया गया है कि पटाखों के पैकेट पर ध्वनि स्तर (डेसिबल में) मुद्रित किया जाना चाहिए।
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