जालंधर कैंट (राहुल अग्रवाल) :- एक तरफ तो जालंधर में आम आदमी पार्टी ग्रीन बेल्ट के नाम पर शहर के विकास की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ जालंधर में 100 पेड़ों की बलि दे दी गई। एक रसुखदार व्यक्ति पर पेड़ों की बलि देने का आरोप है। मामला जालंधर से चलकर चंडीगढ़ तक पहुंच गया है और कहीं विभागों के कान खड़े हो गए हैं।
दरअसल कालोनियों और मार्केट के नाम पर हरियाली पर आरी चलाने की पुरानी परंपरा है। इसी तरह के एक मामले में ईस्ट वुड विलेज के मालिक त्रिवेणी मल्होत्रा के खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास शिकायत की गई। कुछ विभागों को भी यह शिकायत की गई। जिन पेड़ों को काटकर बेचा गया उनमें से कई पेड़ लगभग 10 से 30 साल तक पुराने थे। 28 से 29 सितंबर के दौरान काटे गए पेड़ों को लेकर कई एनजीओ और आसपास के क्षेत्र के लोग सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पेड़ों को काटने के बाद ट्रैकों में भर गया और फिर जेसीबी चला कर रोड को क्लीन करवाया गया। शिकायतकर्ता की मांग है कि ईस्टवुड विलेज के मालिक त्रिवेणी मल्होत्रा के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत के दर्ज किया जाए। अब सवाल यह उठता है कि त्रिवेणी मल्होत्रा पर जिन पेड़ों की कटाई और चोरी का आरोप लगा है कि वह कतई क्या किसी कमर्शियल निर्माण के नाम पर हुई है या फिर कोई कालोनी काटी जा रही है। इन दोनों में जो कुछ भी है क्या उसकी फाइल भी विभागों तक पहुंची है।