Saturday, February 15
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अब चाईना डोर के इस्तेमाल पर एक लाख रुपए जुर्माने के साथ होगी 5 साल जेल

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आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ा फैसला लिया गया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर राजधानी में चीनी मांझा या कांच-लेपित धागे के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
गोपाल राय ने फैसला लेते हुए लोगों से अपील की है कि चीनी मांझा का इस्तेमाल या बिक्री न करें। अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया जाएगा तो उस पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि चीनी मांझा बेचने और इस्तेमाल करने वालों को पांच साल तक जेल की सजा काटनी होगी और एक लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा।
पर्यावरण विभाग के अनुसार, 15 अगस्त के आस-पास दिल्लीवालों के लिए पतंगबाजी काफी लोकप्रिय हो जाती है लेकिन पतंगबाजी के शौक के बीच चाईनीज मांझे के इस्तेमाल से कई हादसे हो जाते हैं। चाईनीज मांझा इंसानों और जानवरों, पक्षियों के लिए जानलेवा होता है। चीनी मांझे के उपयोग से 15 अगस्त के आस-पास इससे होने वाली दुर्घटनाएं काफी अधिक बढ़ जाती है।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने 10 जनवरी, 2017 से दिल्ली में चीनी मांझे के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि यह निवासियों और पक्षियों के लिए समान रूप से खतरा है। हालांकि, 15 अगस्त की तारीख आने के साथ ही इसकी ब्रिकी तेज हो गई है। चूंकि चीनी मांझा सूती कपड़े के बजाय रसायनों से बनाया जाता है और पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है। परिणामस्वरूप, बहुत सारे जानवर और पक्षी मांझे में फंस जाते हैं और इससे उनकी मौत तक हो जाती है।

गौरतलब है कि लोगों को चाईनीज मांझे की खरीद और इस्तेमाल से रोकने के लिए उनके बीच जागरूकता फैलाई जाएगी। इस काम को दिल्ली पुलिस, राजस्व विभाग और दिल्ली नगर निकाय के द्वारा किया जाएगा ताकि आम जनता को जागरूक किया जा सके।

इसके अलावा, ऑनलाइन के साथ बस क्यू शेल्टर, मेट्रो स्टेशन और फुट ओवर ब्रिज पर भी पोस्टर चिपकाए जाएंगे। चीनी मांझे के खिलाफ अभियान में शिक्षा विभाग और स्कूल-कॉलेजों के इको क्लब भी शामिल होंगे। बता दें कि दिल्ली पुलिस, राजस्व और एमसीडी द्वारा लाउडस्पीकर, पैम्फलेट, एमटीए और आरडब्ल्यूए कार्यलयों, प्रभाग कॉम और डीएम कार्यालयों में पोस्टरों आदि के इस्तेमाल से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

वहीं, परिवहन विभाग और डीएमआरसी द्वारा डीटीसी बसों, दिल्ली मेट्रो पर संदेश दिया जाएगा। ईको-क्लब स्कूल औक कॉलेज द्वारा उच्च शिक्षा विभाग, टीटीई को मेल, को-क्लब स्कूलों और कॉलेजों को ईमेल दिया जाएगा।

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