मोगा(परवीन गोयल):- गीता जयंती के पावन पर्व पर पद यात्रा 4 दिसंबर 2022, दिन रविवार को प्रातः 7:00 बजे श्री सनातन धर्म हरि मन्दिर, प्रताप रोड़ से आरम्भ होगी।
सबके मन की जिज्ञासा :- गीता जयंती है क्या ?
श्री गीता जयन्ती पर्व हमारी आस्था से जुड़ा है, यह सत्य है, लेकिन यह पर्व केवल आस्था नहीं, एक अनूठी अलौकिक व्यापक प्रेरणा है। यह पावन पर्व हमें स्मरण दिलवाता है मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी की उस गरिमामयी तिथि को जब महाभारत के तनाव- दबाव- दुर्भावग्रस्त वातावरण में गुंजारित हुआ शान्ति सद्भावना का एक दिव्य गीत।
यह पर्व समूची मानवता के लिए आत्म विश्लेषण एवं आत्म निरीक्षण की एक सार्थक प्रेरणा है। गीता जयन्ती पर्व वस्तुतः पर्व है जागृति का जागे कर्त्तव्य पथ में जागे, प्रेम भक्ति, भाव, सद्भाव में और सजग रहें आसुरी वृत्तियों से प्रमाद से एवं निरर्थक चिन्ता अवसाद से गीता जयन्ती पर्व एक जयघोष है जाति, वर्ग, वर्ण, पक्षपात, भेदभाव आदि संकीर्णताओं से ऊपर उठकर उदार समरस, मानवतावादी सोच के साथ मानवता की मुस्कान की। हिन्दू धर्म के सबसे बड़े ग्रंथ के जन्म दिवस को गीता जयंती कहा जाता है।
श्री गीता जी एक ऐसा ग्रंथ है जिसकी प्रतिवर्ष जयंती मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि अन्य सभी ग्रंथ इंसानो ने लिखो है, लेकिल गीता जी केवल एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो स्वयं योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण जी के मुर्खाविन्द से उच्चरित वाणी है। कलयुग में प्रारंभ के महज 30 वर्षो के पहले ही गीता का जन्म हुआ ओर आज श्री गीता जी के 5160 वर्ष पूर्ण होने पर म. म. गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानन्द जी महाराज जी की दिव्य प्रेरणा से G. I.E.0 गीता के तात्वादान में श्री गीता जी को वैश्विक स्वरूप देते हुए हम सब को श्री गीता जयंती मनाने के प्रेरणा मिली है।
आओ सभी मोगा निवासी इस दुर्लभ अवसर पर सम्मिलित हो, मोगा में पहली बार इस दिव्य आयोजन के साक्षी बने और योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण जी के कृपा पात्र बने।