चंडीगढ़ (राहुल अग्रवाल) :- पंजाब सरकार ने कलेक्टर रेट बढ़ाने का फैसला किया है। जिसे प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन महंगा होने वाला है। पटियाला ने 22 जुलाई को ही कलेक्टर रेट में इजाफा कर दिया है। जबकि राज्य के अन्य जिलों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
इससे पंजाब सरकार को करीब 1500 करोड़ रुपए का ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद है और सरकारी खजाने को मजबूती भी मिल सकती है। वहीं, इससे लोगों में नाराजगी भी देखी जा सकती है।
जानकारी के अनुसार, कलेक्टर रेट बढ़ाने को लेकर राजस्व विभाग की मीटिंग भी हो चुकी है। साथ ही इस संबंध में पूरी रणनीति बनाई गई है। कल्क्टर रेट में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी आम बात है। लेकिन इन्हें तय करते समय जमीन की लोकेशन भी अहम भूमिका निभाती है। अगर कोई क्षेत्र ज्यादा विकसित हो रहा है तो उसमें और बढ़ोतरी की जाती है।
आपको बता दें कि कृषि संपत्ति, रिहायशी, कमर्शियल, रिहायशी और औद्योगिक के लिए कलेक्टर रेट अलग-अलग तय किए जाते हैं। सभी जिलों को अपने स्तर पर इसमें बढ़ोतरी करनी होती है। हालांकि जिलों को पटियाला में लागू किए गए मॉडल को देखने की सलाह दी गई है।
साथ ही सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में प्रॉपर्टी मार्केट का भी अध्ययन कर रहे हैं। ताकि सही तरीके से इसका फैसला किया जा सके। हालांकि, कलेक्टर रेट में काफी समय से बढ़ोतरी नहीं की गई थी।
सरकार को 2023 में 4200 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं, साल 2024 में 6 हजार करोड़ रुपए तक जाने का प्रयास किया जा रहा है। चल रहे वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों अप्रैल से जुलाई तक 1854 करोड़ का प्राप्त हुआ है। सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में 1500 करोड़ राजस्व वृद्धि का लक्ष्य रखा है।
राज्य के किसी भी क्षेत्र के अचल संपत्ति को खरीदने से पहले उस क्षेत्र की संपत्ति का सरकारी रेट अर्थात कलेक्टर रेट की जानकारी होना काफी आवश्यक है। यदि आप उस क्षेत्र के संपत्ति के कलेक्टर रेट की जानकारी रखेंगे तो उस संपत्ति की रजिस्ट्री के दौरान होने वाले खर्चों का आकलन सही से कर पाएंगे